Call Center का नाम तो आपने सुना ही होगा। बैंक अकाउंट, क्रेडिट कार्ड, मोबाइल में आयी किसी भी दिक्कत के लिए या किसी भी जानकारी के लिए जहाँ पर हम फ़ोन लगाते हैं वो कॉल सेंटर ही होता है।
आप में से बहुत से लोगों ने अपनी पढाई के दौरान अपनी पॉकेट मनी निकालने के लिए कॉल सेंटर में काम भी किया होगा। हर वो कंपनी जो अपना बिज़नेस बड़े स्केल पर कर रही है उसे कॉल सेंटर सर्विस की जरुरत पड़ती है। जैसे Tele Comunication, IT Sector, Fashion Brands, Food Brands, Agriculture, Mobile Products, Electronic Items, Banking & Heavy Indutries आदि।
अगर आप कॉल सेंटर का बिज़नेस शुरू करना चाहते हैं तो आपको क्या करना होगा किन चीजों का ध्यान रखना होगा और क्या कुछ अर्रेंजमेंट्स करने होंगें। ये सारी जानकारी आज आपको यहाँ पर मिलने वाली है तो इस आर्टिकल को पूरा पढिएगा।
कॉल सेंटर को प्रोफेशनल भाषा में BPO (Business Process Outsourching) कहा जाता है।
कॉल सेंटर(Call Center) क्या काम करता है?
2018 में Indian BPO Sector 28 बिलियन डॉलर से ज्यादा का हो चुका था और इसकी ग्रोथ कभी नहीं रुकेगी। क्यूंकि जैसे-जैसे बड़े-बड़े ब्रांड्स अपने बिज़नेस दुनिया भर में फैलाते जायेंगें उसमें बहुत से कामों में कॉल सेंटर की मदद ली जाती है।
- कस्टमर्स को जानकारी देने के लिए
- उनकी सर्विस को लोगों तक पहुँचाने के लिए
- प्रोडक्ट्स बेचने के लिए
- कंपनी के ऑफर लोगों को बताने के लिए
- लोगों की प्रोब्लम्स सुलझाने के लिए
- टेक्निकल सपोर्ट देने के लिए
- कई बार इमरजेंसी में लोगों की जान बचाने के लिए
- रेस्क्यू ऑपरेशन के लिए
कितना आसान है कॉल सेंटर खोलना?
इंडिया में कॉल सेंटर खोलने की बात आती है तो यहां पर यह बिजनेस करना काफी आसान है। जैसे कि इंडिया में हर साल लाखों ग्रेजुएट कॉलेज की पढ़ाई के बाद कॉल सेंटर ज्वाइन करते हैं। इसलिए मैनपावर कि यहां पर कोई कमी नहीं है। कई इंटरनेशनल कंपनी सपना कॉल सेंटर इंडिया में ऑपरेट करवाती है क्योंकि कम बजट में ही स्किल्ड प्रोफेशनल मिल जाते हैं।
इंडिया में क्लाइंट्स के हिसाब से ऐसे सॉफ्टवेयर और सर्विसेज भी कम लागत से बन जाते हैं जो कॉल सेंटर खोलने का काम आसान कर देते हैं। साथ ही गवर्नमेंट ने अपनी पॉलिसीज को आसान बना रखा है इस वजह से फॉरेन इन्वेस्टमेंट बढ़ रहा है और इंडिया में ढेर सारी कंपनी अपना बिज़नेस बढ़ा रही हैं।
- गवर्नमेंट के द्वारा कॉल सेंटर खोलने के नियम और दी जाने वाली सुविधाएँ आप ऑफिसियल Website पर जाके भी पढ़ सकते हैं।
कॉल सेंटर खोलने का तरीका
सबसे पहले आप ये निर्धारित करें कि आप किस प्रकार का कॉल सेंटर शुरू करना चाहते हैं। आपके द्वारा संपर्क किए जाने वाले व्यवसाय और आप जिस प्रकार का काम करना चाहते हैं, ये आपके द्वारा दी जाने वाली सर्विसेज पर निर्धारित करता है। तो चलिए जाने लेते हैं कि कॉल सेंटर कितने प्रकार के होते हैं।
कॉल सेंटर कितने प्रकार के होते हैं-
इनबाउंड कॉल सेंटर
ये वो कॉल सेंटर होते हैं की जब एक कस्टमर की तरह आपको कोई प्रॉब्लम आती है तो कस्टमर सपोर्ट या कस्टमर केयर नंबर डायल करते हैं।
जैसे आपने कोई प्रोडक्ट ख़रीदा है और use चलाने में आपको बड़ी दिक्कत आ रही है तो कोई शिकायत है कुछ पूछना है या फिर अपना कोई संदेह दूर करना है यहाँ पर आप कंपनी का टोल फ्री नंबर या चार्जेबल नंबर डायल करते हैं।
आउटबाउंड कॉल सेंटर
इस तरह के कॉल सेंटर से कस्टमर को कॉल किया जाता है ये अपने कस्टमर्स से फ़ीडबैक लेने के लिए, उन्हें कंपनी के नये प्रोडक्ट्स ऑफर्स के बारे में बताने के लिए, अपना प्रोडक्ट्स बेचने के लिए, पेंडिंग बिल भरने के लिए या रिमाइंडर देने के लिए कॉल करते हैं।
या फिर ऐसा भी हो सकता है कि आप दोनों ही सर्विस दें तो यह तो हमने कॉल सेंटर के टाइप की बात कि अब बात करते हैं लोकेशन की।
कॉल सेंटर खोलने के लिए जगह का चुनाव
ज्यादातर कॉल सेंटर्स बड़ी-बड़ी शहरों में ही आप जो चाहे तो अपने गांव में किसी छोटे शहर में भी से खोल सकते हैं। डिपेंड करता है कि आप मार्केट में किस तरह के प्रोजेक्ट उठा रहे हैं।
अगर आप किसी नेशनल इंटरनेशनल कंपनी की तरफ से उनके कस्टमर्स को सभी दे रहे हैं तो हो सकता है कि आपको किसी भी शहर में लगाना पड़े या फिर अगर आप किसी क्षेत्रीय भाषा में सर्विस दे रहे हैं तो आप किसी छोटे से शहर से भी अपना काम कर सकते हैं।
कॉल सेंटर का लाइसेंस एवं रजिस्ट्रेशन
कॉल सेण्टर खोलने के लिए आपको सबसे पहले Registration करवाना होगा इसके लिए आप Private Limited Company से Partnership या License भी ले सकते है।
आपको अपना Business शुरू करवाने के लिए Companies Act 2013 में रजिस्टर करवाना होगा और इंडिया में एक BPO (Service provider) बनने के लिए (NASSCOM) National Association of Software and Services Companies से भी खुद को Certified करना होगा।
अगर आप IT Service Provider बनेंगे तो Department of Telecommunications से भी License लेना होगा।
इसके अलावा आपको GST registration भी आपक लेना होगा। अगर आपको पेपर वर्क में कोई दिक्कत हो तो किसी Lawyer या CA (Chartered accountant) से भी मदद ले सकते है।
कॉल सेंटर खोलने के लिए निवेश
कॉल सेंटर खोलने के लिए आपको निवेश करना होगा। जिसमें कंप्यूटर, कार्यालय की बिजली आपूर्ति, हेडसेट, फोन, टेलीफोन लाइनें और एक उच्च गति इंटरनेट कनेक्शन शामिल होते हैं। आपको कॉल सेंटर सॉफ्टवेयर भी खरीदना होगा, जो महंगा हो सकता है।
आपको पावर बैकअप भी रखना पड़ेगा क्योंकि ज्यादातर कॉल सेंटर्स 24 घंटे चलते रहते हैं इस वजह से कंप्यूटर खराब होते रहते हैं। नेटवर्क की दिक्कत आती है तो उन्हें अपडेट रखने के लिए आपको टेक्निकल नेटवर्क इंजीनियर, इलेक्ट्रिशियन इन सभी की जरूरत पड़ेगी।
मैन पावर की बात करें तो कॉल सेंटर चलाने के लिए आपको बड़ी टीम की जरूरत पड़ती है इसलिए आपको स्किल्ड लोगों को काम पर रखना होगा। जिनकी कम्युनिकेशन स्किल अच्छी हो इंग्लिश हिंदी और लोकल लैंग्वेज पर अच्छी पकड़ हो और जो दूसरों को अपनी बातों से बड़ी जल्दी इनफ्लुएंस कर ले।
इसके अलावा भी ऑफिस मैनेज करने के लिए, सफाई के लिए, सिक्योरिटी के लिए भी आपको लोग हायर करने पड़ेंगे जो आपको आसानी से मिल जायेंगे ये आपने ऊपर जान लिया है।
शुरुआत में काम कैसे मिलेगा
अब जरुरत पड़ती है सेल्स और मार्केटिंग की इसके लिए आपको सेल्स एंड मार्केटिंग की टीम रखनी पड़ेगी। जो मार्केट से प्रोजेक्ट्स उठाएगी और आपको देगी तभी आपका काम बढ़ेगा और आप कंपनी चला पाएंगे तो बाकी जो काम है वो आपकी सेल्स और मार्केटिंग की टीम का है।
अगर आपको सेल्स और मार्केटिंग की टीम अच्छी मिल जाती है तो आपके बिज़नेस को बहुत ज्यादा फायदा होगा इसलिए सेल्स और मार्केटिंग की टीम का सिलेक्शन ध्यान देकर करें
निष्कर्ष
कॉल सेंटर का बिज़नेस कभी भी ख़त्म नहीं होने वाला है क्यूंकि प्रत्येक बिज़नेस ही कॉल सेंटर से ही रिटारगेट किया जाता है। इसलिए अगर आप भी इसमें अपना करियर बनाना चाहते हैं। तो कॉल सेंटर कैसे खोले (Start Call Center Business in hindi) का आर्टिकल आपको ब्बहुत मदद करेगा।