ज्वैलरी का बिजनेस कैसे करें, खिलौना बनाने का तरीका, Hallmark लाइसेंस कैसे लें, ज्वैलरी शॉप का इंश्योरेंस कैसे कराएँ (Jewellery ka Bussiness Kaise Kare, Licence,Investment, Profit)
राजा महाराजाओं के जमाने से इंडिया में ज्वैलरी और गहने पहनने का चलन रहा है अगर भारतीय शादियों को छोड़ भी दिया जाए तो सभी सोशल प्रोग्राम, पार्टी, घूमना-फिरना या रिश्तेदारों के घर जाने तक खासकर महिलाएं ज्वेलरी जरुर पहनती है। इसके अलावा भी तीज त्योहार और किसी बड़े उत्सव में भी गहनों से सजने सवरने का रिवाज रहा है।
पारंपरिक सोने की ज्वेलरी हो या फिर हल्की-फुल्की मॉडर्न ज्वेलरी अपनी पसंद और बजट का ध्यान रखते हुए लोग ज्वेलरी खरीदते ही हैं। घर पर किसी की शादी हो तो अलग से गहनों की शॉपिंग की जाती है। इसलिए इंडिया में लोग सोने के गहने, डायमंड ज्वैलरी, प्लैटिनम ज्वैलरी, तांबा और चांदी से बने गहने भी पहनते हैं।
भारत में सोने और डायमंड ज्वैलरी की इतनी खपत है कि इंडिया दुनिया का सबसे बड़ा ज्वैलरी हब माना जाता है। इंडिया हर साल इतना सोना, हीरा और दूसरी जेमस्टोंस को आयात करता है कि ये इंडियन GDP का 6 से 7% है। केवल ज्वैलरी बनाने के लिए ही इंडिया हरसाल लगभग 800 से 900 टन सोना आयात करता है। इंडियन ज्वैलरी इंडस्ट्री 2016 में लगभग 3 Trillion रूपए की थी जो इस साल तक दोगुनी हो गई है।
अगर आप भी ज्वैलरी का बिज़नेस करना चाहते हैं और इस बढ़ते हुए बिज़नेस में खुद को सफल बनाना चाहते हैं तो इस आर्टिकल में आपको सारी जानकारी मिलगी की कैसे आप गहनों का बिज़नेस शुरू कर सकते हैं।
ज्वैलरी बिज़नेस करने के लिए क्या करें?
गहनों का बिज़नेस शुरू करने के लिए सबसे पहले आपको अपनी कंपनी बनानी चाहिए। जिसके नाम से आप अपना गहनों का बिज़नेस शुरू करेंगे। इसके लिए आप एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का रजिस्ट्रेशन ले सकते हैं। प्राइवेट लिमिटेड कंपनी इसलिए जरुरी है क्योंकि ज्वेलरी कंपनी का टर्नओवर आराम से एक करोड़ को पार कर जाता है। इसलिए आपके लिए प्राइवेट लिमिटेड कंपनी का रजिस्ट्रेशन लेना जरुरी हो जाता है।
ज्वैलरी कम्पनी का Logo कैसे बनवाएं
जहां तक नाम और लोगो की बात है तो कंपनी को रजिस्टर करवाने से पहले ही आपको अपने बिजनेस के लिए एक ब्रांड नेम सोच लेना चाहिए और कंपनी का Logo बनवा लेना चाहिए। जिससे आपके बिजनेस को एक पहचान मिलेगी। लोगो बनवाने के लिए आप किसी प्रोफेशनल लोगो डिजाइन का सहारा भी ले सकते हैं और इसका कॉपीराइट भी ले लीजिएगा, ताकि कल को कोई इसका गलत यूज ना करें।
जरुरी रजिस्ट्रेशन
20लाख या उससे ज्यादा का बिजनेस होने पर आपको जीएसटी रजिस्ट्रेशन की जरूरत पड़ती है क्योंकि ज्वेलरी बिजनेस में लाखों-करोड़ों की इनवेस्टमेंट होती है। इसलिए आपको शुरुआत से ही जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवा लेनी चाहिए।
इसके अलावा आपको बाहर से डायमंड, गोल्ड ज्वेलरी, जेमस्टोन आयात करने पड़ेंगे और अपनी कंपनी की बनाई गयी ज्वेलरी को आप बाहर एक्सपोर्ट भी करेंगे। इसके लिए आपको General of Foreign Trade Directorate, General Of Foreign Trade मिनिस्ट्री ऑफ कॉमर्स इनइंडस्ट्री, गवर्मेंट ऑफ इंडिया से Importer- Exporter Code लेना होगा। जिसके लिए आप ऑनलाइन अप्लाई कर सकते हैं।
Hallmark लाइसेंस कैसे लें?
अब आपको Hallmark Jewelry के लिए BIS लाइसेंस लेना पड़ेगा। अगर आप गहने खरीदते हैं तो आपने BIS हॉलमार्क का नाम तो जरूर सुना होगा, Bureau Of Indian Standard ज्वेलरी बिजनेस करने वालों को हॉलमार्क का लाइसेंस देता है जो सोने की शुद्धता और सही वजन का परिचायक होता है। जागरूक कस्टमर्स भी हॉलमार्क ज्वेलरी की मांग करते हैं इसलिए आपको उसका लाइसेंस लेना पड़ेगा, क्योंकि बिना इस लाइसेंस के आप लीगल मामलों में फंस सकते हैं और आपपर जुर्माना भी लग सकता है।
कोई भी मैन्युफैक्चरर, व्होलसेलर, डिस्ट्रीब्यूटर, एडिटोरियल जो ज्वेलरी का बिजनेस करता है उसमें रजिस्टर करवाना ही पड़ता है कोई भी ज्वेलरी बिज़नेस www.manakonline.in पर रजिस्टेशन करवा सकता है।
BIS एक्ट 2016 के सेक्शन 29 के मुताबिक, अगर कोई भी BIS के नियम को तोड़ता है तो उस पर भारी जुर्माना लग सकता है और 1 साल तक की जेल भी हो सकती है।
हॉल मार्किंग से जुड़े सारे नियम आपको bih.gov.in पर मिल जायेगे। ज्वेलरी का बिजनेस शुरू करने के लिए आप को करोड़ों की इन्वेस्टमेंट भी करनी पड़ेगी फिर चाहे आप सिंगल शोरूम खोलिए, ज्वेलरी इन्क्पोटर बनिए, ज्वेलरी मेकिंग या फिर जेमस्टोन के एक नार्मल शोरूम में ही करोड़ों की ज्वेलरी होती है। गोल्ड ज्वेलरी, डायमंड ज्वेलरी, प्लैटिनम, सिल्वर, सोने-चांदी के बर्तन, गोल्ड बार, भगवान की मूर्तियां ऐसी ढेर सारी चीजें कलेक्शन में रखनी पड़ती है।
इसके अलावा भी ज्वेलरी मेकर, शॉपकीपर, सेल्स एक्सुकेटिव, ज्वेलरी डिजाइनर, सिक्योरिटी गार्ड, ट्रांसपोर्ट शोरूम का रेंट लाइट का बिल, इनकम टैक्स ऐसी चीजों पर भी काफी खर्च होता है। अपना बिजनेस बढ़ाने के लिए आपको अपने ब्रैंड की एडवरटाइजिंग पर भी खर्चा करना होगा।
क्योंकि मार्केट में आपको बहुत सारे कॉन्पिटिशन से लड़ना होगा और उनके बीच अपनी पहचान बनाने के लिए आपको अच्छी सर्विस भी देनी होगी और अच्छे ऑफर्स भी, ताकि कस्टमर्स आप तक पहुंच सके।
दिवाली धनतेरस शादी का सीजन व्रत त्योहारों को अलग-अलग कलर, अट्रैक्टिव ऑफर्स लांच करने होंगे और उनकी एडवरटाइजिंग भी करवानी होगी। जिसमें प्रिंट, टीवी, रेडियो और सोशल मीडिया एडवरटाइजिंग भी शामिल होनी चाहिए।
ज्वैलरी शॉप का इंश्योरेंस कैसे कराएँ?
वैसे भी अक्सर सुनने को मिलता है कि किसी ज्वेलरी की दुकान पर डाका डाल दिया गया है या मालिक को लूट लिया गया है। इसीलिए ज्वेलरी की दुकान खोलने पर आप दुकान के सामान का इंश्योरेंस करवा लीजिएगा।
इससे आप फाइनेंशली सुरक्षित रहेगें। दुकान में कितना सामान मौजूद है उस पर आपको कितना रिस्क कवर मिल रहा है। ये इंश्योरेंस के प्रीमियम पर डिपेंड करेगा। साथ ही इसपर आपको कस्टमर की डिमांड का ख्याल रखना होगा। क्योंकि ज्वेलरी बिजनेस में ध्यान रखने वाली बात यह है कि कपड़ों की तरह इस पर भी स्टाइल और डिजाइन बदलते रहते हैं।
इसलिए बिजनस बढ़ाने के लिए डिजाइन और ज्वेलरी के स्टाइल में बदलाव करते रहने पड़ेंगे। इसके लिए आप या तो किसी बड़े ब्रांड से डिजाइनर ज्वेलरी इंपोर्ट कर सकते हैं या फिर अपने पास सर्टिफाइड डिजाइनर्स की टीम रख सकते हैं जो आपके लिए कस्टमर की डिमांड का ख्याल रखते हुए नए डिज़ाइन तैयार करेंगे।
चाइना, हांगकांग, इटली, फ्रांस, UAE जैसे देशों से ज्वैलरी आयात कर सकते है। अब Types of Jewellery की बात करें तो इंडिया में अलग-अलग तरह की ज्वैलरी की डिमांड रहती है। इस बात को ध्यान रखते हुए अगर आप बिजनेस करें तो कई तरह के कस्टमर्स को टारगेट कर सकते हैं।
एंटिक ज्वैलरी
जब कोई ज्वेलरी 100 सालों से ज्यादा पुरानी होती है तो उसे एंटीक ज्वेलरी कहते हैं। ऐसे बहुत सारे लोग मिलेंगे जो कलेक्शन के तौर पर एंटीक ज्वेलरी खरीदते हैं या फिर अपने स्टेटस सिंबल के लिए भी एंटीक ज्वेलरी पहनते हैं। एंटीक ज्वेलरी खरीदते समय इस बात का ध्यान रखिएगा कि वह सर्टिफाइड और ओरिजिनल हो और उनके पेपर सही हों क्योंकि अगर वह सामान चोरी का हुआ तो आप मुसीबत में पड़ सकते हैं।
टैम्पल ज्वैलरी
इस तरह की ज्वैलरी को भारतनाट्यम या दूसरे डांसफॉर्म को परफॉर्म करते समय पहना जाता है। इन्हें हिंदू देवी-देवताओं का प्रतीक माना जाता है और मंदिर में देवी-देवता जिस तरह के गहने पहने दिखाई देते हैं इनका डिजाइन भी वैसा ही होता है।
ब्राइडल ज्वैलरी
शादी में दुल्हन को सजाने के लिए आजकल ब्राइडल ज्वेलरी की बहुत ज्यादा डिमांड रहती है। ये सोने चांदी और बाकी मैटल से भी बने होते हैं। इनको बहुत से लोग किराए पर भी लेकर पहनते हैं इसके अलावा भी फैशन ज्वेलरी, हाथ से बनी ज्वेलरी, कुंदन ज्वेलरी, कपड़ों से बनी ज्वेलरी भी डिमांड में है।
जेम्स स्टोन ज्वैलरी
ज्वैलरी शॉप पर जेम्स स्टोन का कलेक्शन रखना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि इण्डिया में लोग एस्ट्रोलॉजी पर बहुत विश्वास करते हैं और एस्त्रोलोजर के कहने पर अपनी राशि के हिसाब से स्टोंस की अंगूठी, पेंडेंट, बाजूबंद बनवाते हैं। इसलिए हीरा, पन्ना, मोती, रूबी, पुखराज, नीलम, मूंगा जैसे ढेर सारे स्टोंस की काफी डिमांड रहती है।
अगर आप कस्टमर की डिमांड के हिसाब से अंगूठी, पेंडेंट जैसी चीजें बना कर देंगे तो वहां से भी प्रॉफिट कमा सकते हैं। सबसे अच्छा रहेगा कि आप अपने कस्टमर्स को सर्टिफाइड जेमस्टोंस ही दे। इसके लिए आप इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ जेमोलोजी से सर्टिफिकेसन करवा सकते हैं। जेम्स का कैर्रेट कितना है वजन कितना है और ओरिजिनल है इस बात की सर्टिफिकेट दी जाती है। जिससे कस्टमर को इस बात की तसल्ली रहेगी कि उसे सही सामान दिया गया है।
अब बात करते हैं ज्वेलरी इंडस्ट्री में करियर बनाने की। दुनिया भर में इंडिया ज्वेलरी और महंगे आइटम का एक बड़ा निर्यातक भी है इसीलिए इस इंडस्ट्री में कुशल और सर्टिफाइड लोगों की काफी ज्यादा डिमांड है।
अगर आप खुद का ज्वेलरी बिज़नेस नहीं कर सकते हैं तब भी आपके लिए ज्वेलरी इंडस्ट्री में बहुत सारे करियर आप्शन हैं जैसे-
- Jewellery Setter
- Enameller
- Jewellery Designer
- Metal Setter
- Polisher
- Gem Expert
- Wax Setter
लेकिन इनके लिए आपने कोई डिग्री या डिप्लोमा किया होना चाहिए। अगर आप इनकी पढाई करना चाहते हैं तो यहाँ कुछ टॉप कॉलेज बताए गए हैं-
- Delhi Pearl Academy
- Bangalore Vogue Institute of Art and Design
- Periyar University
- JD Institute of Fashion Technology, Delhi
- Institute of Fashion Technology, Raebareli
अगर आप फुल डिग्री कोर्स नहीं करना चाहते हैं तो यहाँ से आप शोर्ट टर्म प्रोफेशनल कोर्स कर सकते हैं-
- Gem & Jewellery Export Promotion Council
- Indian Institute of Gems and Jewellery
- Professional Jewellery Design
- Professional Jewellery Manufacturing
- Jewellery Design Institute, Varanasi
अगर आप खुद का बिज़नेस करने के लिए अभी पूरी तरह से तैयार नहीं हैं तो आप किसी कोर्स को करके आप किसी भी ज्वेलरी कम्पनी में कुछ समय काम कर सकते हैं जिससे आप काफी सारी चीजों को सीख जायेंगें और आपको ज्वेलरी बिज़नेस करने का कॉन्फिडेंस भी आ जायेगा फिर आप अपना ज्वेलरी बिज़नेस शुरू कर सकते हैं। इस बारे में ज्यादा जानकारी GJEPC से ले सकते हैं।
ज्वेलरी कहाँ और कैसे बेचें
ऑनलाइन ज्वेलरी स्टोर की बात करें। तो आप अपने फिजिकल शोरूम के अलावा, ऑनलाइन स्टोर बनवा सकते हैं। इसके लिए आपको एक वेबसाइट बनानी पड़ेगी। जहां पर आप अपने प्रोडक्ट को डिस्प्ले पर रख सकते हैं। अगर अपनी वेबसाइट नहीं रखता चाहते हैं तो Amazon, Flipkart या Meesho जैसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का यूज कर सकते हैं। साथ ही साथ देश-विदेश में होने वाली ज्वेलरी एग्जिबिशन, एक्सपोर्ट ट्रेड फेयर और बड़े-बड़े मेले में भी अपने ज्वेलरी स्टोर लगा सकते हैं। जिससे आपकी ब्रांड को काफी फायदा होगा।
अगर आपके पास कैपिटल की कमी है तो आप अपना ज्वेलरी का बिजनेस शुरू करने के लिए बैंक से लोन ले सकते हैं। इसके लिए आपको डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट बनाकर बैंक को दिखाना पड़ेगा। जिस पर आपको लोन अप्रूवल मिलेगा। बैंक ऑफ इंडिया ज्वेलरी मैन्युफैक्चरिंग बिज़नेस के लिए लोन देता है।
निष्कर्ष
ज्वेलरी के बिज़नेस में आपको सक्सेसफुल होने के लिए काफी पेशेंस यानी कि धीरज रखना पड़ेगा क्योंकि अचानक से रातों-रात आपको कामयाबी तो मिलने से रही। अपने ब्रांड को स्थापित करने में और लोगों का भरोसा जीतने में ही काफी समय लग जाता है।
इस बीच आप जितने अच्छे से बिज़नेस को समझ सकते हैं उतना बेहतर होगा। अलग-अलग ज्वेलरी ब्रांड्स कैसे बिज़नेस कर रही हैं। उनको किस तरह के प्रोडक्ट से रिस्पांस मिल रहा है। वह कहां से सामान इंपोर्ट करते हैं और किस तरह की कस्टमर्स को टारगेट कर रहे हैं। ये सारी जानकारियां काफी है इस बिजनेस को जानने और समझने के लिए।
उम्मीद है कि आपको ये समझ आ गया होगा कि ज्वैलरी का बिजनेस कैसे करें(Jewellery ka Bussiness Kaise Kare) । अगर आपके मन में कोई भी सवाल या सुझाव है जिससे लोगों की मदद हो सकती है तो कमेंट जरुर करें और इसे अपने दोस्तों के साथ शेयर करें।
FAQ
क्या ज्वैलरी का बिज़नेस फ़ायदेमंद है?
ज्वैलरी का बिज़नेस एक फ़ायदेमंद बिज़नेस है इसे आप समझ सकते हैं कि इंडियन ज्वैलरी इंडस्ट्री 2016 में लगभग 3 Trillion रूपए की थी जो इस साल तक दोगुनी हो गई है।
ज्वैलरी कितने तरह की होती है?
ज्वैलरी को मुख्य रूप से इन चार प्रकारों में बाँट सकते हैं एंटिक ज्वैलरी, टैम्पल ज्वैलरी, ब्राइडल ज्वैलरी, जेम्स स्टोन ज्वैलरी।